🏵 Durga Aarti Lyrics In Marathi
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी।
अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी।
वारी वारी जन्म मरणांते वारी।
हारी पडलो आता संकट निवारी ॥ १ ॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥ ध्रु॥
त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही।
चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही।
साही विवाद करिता पडले प्रवाही।
ते तू भक्तालागी पावसि लवलाही ॥ २ ॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥ ध्रु॥
प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा।
क्लेशांपासुनि सोडवि तोडी भवपाशा।
अम्बे तुजवाचून कोण पुरविल आशा।
नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा ॥ ३ ॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी ॥ ध्रु॥